अखबार के इस काॅलम पर नज़र पडते ही दिल में दबी ख्वाहिशें करवट बदलने लगी । "न्यू ईयर सेलिब्रेशन "का कम्प्लीट पैकेज का व्यौरा दिया हुआ था ।
इंडियन ,चाईनीज ,काॅन्टिनेंनटल फूड , सुप ,स्टार्टर के साथ इंटरटेनमेंट के लिए कई चौंकाने वाले खेल और यह क्या ! "मास्क डाँस विथ पार्टनर" ....... आँखें सिकुड़ने लगी , दिल बल्लियों सा उछलने लगा , दृश्य आँखों के सामने सजीव हो उठा था ।
इंडियन ,चाईनीज ,काॅन्टिनेंनटल फूड , सुप ,स्टार्टर के साथ इंटरटेनमेंट के लिए कई चौंकाने वाले खेल और यह क्या ! "मास्क डाँस विथ पार्टनर" ....... आँखें सिकुड़ने लगी , दिल बल्लियों सा उछलने लगा , दृश्य आँखों के सामने सजीव हो उठा था ।
हृदय गति बेकाबू हो धक -धक .... , शायद ऐसी ही पार्टियों के बारे में उसने सुन रखा था कि डाँस करते हुए लाईट बंद हो जाती है और आपस में पार्टनर की बदला - बदली ....उफ्फ ! यार , लाईफ में एक बार तो इस सेलिब्रेशन का हक बनता ही है । चार्ज भी अधिक नहीं है ।
इस बार बस , पूरा मजा ! पत्नी राजी होगी ? अरे , मना लेंगे ,इसमें क्या है ! जरा सा नाटकबाजी चलेगा उसका , लेकिन उसको भी तो .......!
पत्नी नें पिछली बार तिरुपति प्लाॅन करके न्यू ईयर सेलिब्रेशन का तो बाजा बजा दिया था । खाक मजा ! नाहक ही फालतू खर्च हुए थे । उस खर्च से कम ही है यह ! पत्नी से कह देंगे कि इस बार हम यहीं जायेंगे ।
लपलपाती नजर , मास्क पहने बाॅल डाँस के ख्वाब लिये , खुशी से काँपते हाथों से फोन को उठा बुकिंग कन्फर्म करवाने को अखबार में नम्बर ढूंढने लगा ।
लपलपाती नजर , मास्क पहने बाॅल डाँस के ख्वाब लिये , खुशी से काँपते हाथों से फोन को उठा बुकिंग कन्फर्म करवाने को अखबार में नम्बर ढूंढने लगा ।
" सुनो ! " अच्छे काम के वक्त पत्नी का इस तरह बीच में टोकना उसे कभी से पसंद नहीं आया ।
" क्या है ? " इस व्यवधान से वह झल्ला उठा ।
" अरे ,चिल्लाते क्यों हो , तुम्हारे काम की ही बात करनी है ।"
अरे वाह , क्या वह भी इसी न्यू ईयर सेलिब्रेशन की बात करने वाली है ......!
" हाँ , डाॅर्लिंग , बोलो क्या बात है ? " अावाज में शहद घुल उठा था ।
" लो सम्भालो टिकट , हम इस बार सपरिवार वैष्णो देवी व कश्मीर जायेंगे । पापा जी को भी फोन कर दिया है । "
मास्क , बाॅल डाँस , .... पार्टनर , बत्ती गुल .... सब के सब धुँधलाती आँखों के आगे काले- काले साये बन कर घुमने लगे ।
मास्क , बाॅल डाँस , .... पार्टनर , बत्ती गुल .... सब के सब धुँधलाती आँखों के आगे काले- काले साये बन कर घुमने लगे ।
कान्ता राॅय
भोपाल
भोपाल
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