" इस तरह की खामोशी से न्यूज़ रूम का तो बेड़ा गर्क हो जायेगा ।
कुछ अलग हट कर ब्रेकिंग न्यूज़ ढूंढने की कोशिश करो । कुछ ऐसा कि लोग चौंक उठे "
कुछ अलग हट कर ब्रेकिंग न्यूज़ ढूंढने की कोशिश करो । कुछ ऐसा कि लोग चौंक उठे "
" आप कहें तो , सर , वो दिन दहाड़े ए. टी.म. लूट की खबर को प्रसारित करवा दूँ ? "
"वो भी भला कोई न्यूज़ है ! जाओ कुछ और ढूंढो "
" सर ,आतंकवाद पर काम शुरू करू , आई मीन ,जेहादी ? "
" नो ! "
" प्रधानमंत्री जी की विदेश दौरा को अगर कवर करे तो ?"
" ये अब रेग्युलर सा सामाचार लगता है , उसमें धमाकेदार वाली बात कहाँ ! "
" सही कह रहे है आप , घोटालों में मंत्रियों के उजागर होने की , आप कहें तो काम करते है इस पर ।"
" अरे यार , समझते क्यों नहीं , आजकल जनता आदी हो चुकी है इन घोटालों को सुन -सुनकर , कोई तेज झन्नाटेदार खबर तैयार करो । "
" सर , एक और निर्भया जैसी बलात्कार वाले केस को हाई लाइट करें ? "
" नहीं ,ये भी नहीं "
" पिता का बेटी वाला रेप कांड "
" नहीं , अब यह भी बेअसर है । ढूंढो कुछ हट के "
" सर , मानव तस्करी ? "
" नो ! "
" बच्चों के माँस को पकाकर खाने वाली घटना ? "
" नहीं , उसपर भी बहुत हो चुका है ,याद है ना निठारी काँड ! बाद में जनता ने उसे घास भी नहीं डाला था , उसमें अब ब्रेकिंग न्यूज़ वाली बात नहीं रह गई है "
" सर , एक न्यूज़ है अछूता ,अगर आप कहें तो , लेकिन क्या ये सही होगा ? "
"सही- गलत तुम नहीं , बल्कि मैं सोचूंगा , बताओ ,जल्दी से कौन सा विषय है अछूता सा ? "
" सर , माँ - बेटे के रिश्ते में किस्सा ढूंढे तो ? "
"तेरा दिमाग सच में बहुत चलता है चिरकुट । इस बार प्रमोशन पक्का है , समझे ! "
कान्ता रॉय
भोपाल
भोपाल
कोई टिप्पणी नहीं :
एक टिप्पणी भेजें