बुधवार, 11 मई 2016

पोकीमोन मास्टर / लघुकथा


नौ वर्ष का हनी अचानक से गायब था । सुबह से ही वह किसी को नजर नही आया था ।
गली मुहल्ला सब छान मारा , घर का लाडला , घर से गायब , कोहराम सा मच गया । जाने कैसे कहाँ ?? सभी थक गए ढुँढ कर उसको ।
अब तो रात के नौ बजने वाले थे । सबका दिल बैठा जा रहा था ।
पापा और चाचा दोनों पुलिस स्टेशन जाने के लिए गाड़ी उसी तरफ मोड़ दिए । जैसे ही गुलाब उद्यान के पास पहूचे तो वहीँ बाहर हनी को हताश , मुंह लटकाए हुए बैठे पाया ।
गाड़ी रोक बाहर निकल एकदम से पापा ने हनी को गले से लगाया , " बेटा तुम यहाँ कैसे आये ? "
" पापा मै तो जंगल में पोकीमोन ढुंढने आया हूँ , लेकिन मुझे तो एक भी पोकीमोन नही मिला , क्या मै अब कभी पोकीमोन मास्टर नही बन पाऊँगा ? " कहते हुए हनी रो पड़ा .

कान्ता राॅय
भोपाल


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