बुधवार, 11 मई 2016

सरस्वती-वंदना


वंदन वंदन करू अभिनंदन 
परमेश्वरी माँ शारदे ।
हँसवाहिनी, विद्यादायिनी
श्वेतमय श्वेताम्बरे ।
बल बुद्धि ,सद-भाव आचरण
ज्ञान रौशनी ,आत्मावरण
जीवन-लक्ष्य, वागीश्वरी ।।
वंदन वंदन करू अभिनंदन
परमेश्वरी माँ शारदे ॥
मन तमस , भर दे उजियारा
दूर कर माँ ,जग अंधियारा
कर करूणा करूणामयी ॥
वंदन वंदन करू अभिनंदन
परमेश्वरी माँ शारदे ॥
चरण कमल में चरण की दासी
छाई है चहुं ओर उदासी
दे आशीष माँ चंद्रकांति ॥
वंदन वंदन करू अभिनंदन
परमेश्वरी माँ शारदे ॥
मिटा दे माँ ,द्वेषभाव को
सम्बल दे मेरे , विश्वास को
कर रक्षा ब्रह्मचारिणी ॥
वंदन वंदन करू अभिनंदन
परमेश्वरी माँ शारदे ॥
गर्म रेत-सा ,जीवन-पथ है
क्लेश-मय ,वातावरण है
मिटा क्लेश , भुवनेश्वरी ॥
वंदन वंदन करू अभिनंदन
परमेश्वरी माँ शारदे ॥
कान्ता राॅय
भोपाल


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