बुधवार, 13 अप्रैल 2016

जरा थम के चलना / गीत


रुक - रुक , ऐ दिल ,जरा थम के चलना
लम्बा सफर है, दूर है मंजिल, थम-थम के चलना
रुक - रुक ,ऐ दिल ,जरा थम के चलना -------
आयेंगी कई-कई बाधाएँ ,डर कर मत रहना
नदिया की धारा बनकर ,कलकल तुम बहना ,
रुक-रुक , ऐ दिल ,जरा थम के चलना -------
पग -पग , काँटों का चुभना , खून-खून तर लेना
आँख-मिचौनी ,हौसलों से , खेल सुख -दुख कर लेना
रुक-रुक ,ऐ दिल ,जरा थम के चलना -------
पीतल में सोने सी आभा,चमक-चमक ,छल का छलना
हाथ की रेखा ,कर्म सत्य है,प्यार के पथ पर ही चलना
रुक - रुक ,ऐ दिल ,जरा थम के चलना -------
पत्थर की बस्ती , पत्थर के दिल ,तुम पथरीली ना बनना
रात अंधेरी , बड़ी भयावनी , चाँद -चाँदनी बन खिलना
रुक- रुक ,ऐ दिल , जरा थम के चलना--------

कान्ता राॅय
भोपाल


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