घर के आंगन में मैने
देखो कितने दीये जलाये हैं
कुछ दीये आस्था के
कुछ विश्वास के जलाये हैं
घर के आंगन मे मैने
सारे दीये जलाये हैं
कुछ आशाओं के
नाम जलाये
कुछ आने वाली
खुशियों के नाम
कुछ मायुसी के भी नाम
अजनबी से रिश्तों के
कुछ टुटे डोर के नाम
पराये हो चुके सपनो के भी
कुछ दीप तेरे नाम की भी जलाई मैने
कुछ उनके भी नाम के जलाये
देखो मैने सबके
नामों की दीप जलाई
घर के आंगन में
सारी दीप जलाई।
कान्ता राॅय
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