बुधवार, 27 मई 2015

फ्लाईंग किस ( लघुकथा )

फ्लाईंग  किस  ---- ( लघुकथा )
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"क्या हुआ !  आज काम पर नही जाना है क्या ? "-- कर्मवीर को देर तक सोते देख रीमा का दिमाग फिर ठनक गया ।

" अरे , यार बताना भूल गया था । मेरी नौकरी छूट गई कल । अब सोने दो जरा आज , कल की कल सोचूँगा । " - उसने करवट बदल कर तकिया दबा कर फिर से सो गया   ।

" इन्हें तो कामचोरी की आदत लग गई है । कही भी दो तीन महीने से ज्यादा टिक नही पाते है । "--रीमा अब  चिंतित हो चली थी । 

"रीमा ! रीमा ! कहाँ हो ...? "-- घंटों बेफिक्री की नींद से जागकर घर में रीमा को नदारद पाकर सभी संभावित जगहों पर तलाश लिया । कोई सुराग नही पाकर  दुःश्चिंतायें मन में  घर बसा रही थी पल पल  , वो इंतजार में  बेचैन हो उठा था  ।

देर रात घर के बाहर एक लम्बी गाड़ी रूकी । रीमा गाड़ी में बैठे शख़्स को फ्लाईंग किस देते हुए प्रसन्न मन से बाहर निकली   ।

" मेरे काॅलेज का दोस्त है रोहित । उसने मुझे अपने कम्पनी में नौकरी दी है । " - रीमा ने कर्मवीर से कहा ।

" अब मेरी कोई नौकरी नही छूटेगी ।"--कहते हुए कर्मवीर रीमा को अपनी छाती से लगा लिया ।
फ्लाईंग किस का रिवर्स एक्सन हो चुका था । 

कान्ता राॅय
भोपाल

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