फ्लाईंग किस ---- ( लघुकथा )
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"क्या हुआ ! आज काम पर नही जाना है क्या ? "-- कर्मवीर को देर तक सोते देख रीमा का दिमाग फिर ठनक गया ।
" अरे , यार बताना भूल गया था । मेरी नौकरी छूट गई कल । अब सोने दो जरा आज , कल की कल सोचूँगा । " - उसने करवट बदल कर तकिया दबा कर फिर से सो गया ।
" इन्हें तो कामचोरी की आदत लग गई है । कही भी दो तीन महीने से ज्यादा टिक नही पाते है । "--रीमा अब चिंतित हो चली थी ।
"रीमा ! रीमा ! कहाँ हो ...? "-- घंटों बेफिक्री की नींद से जागकर घर में रीमा को नदारद पाकर सभी संभावित जगहों पर तलाश लिया । कोई सुराग नही पाकर दुःश्चिंतायें मन में घर बसा रही थी पल पल , वो इंतजार में बेचैन हो उठा था ।
देर रात घर के बाहर एक लम्बी गाड़ी रूकी । रीमा गाड़ी में बैठे शख़्स को फ्लाईंग किस देते हुए प्रसन्न मन से बाहर निकली ।
" मेरे काॅलेज का दोस्त है रोहित । उसने मुझे अपने कम्पनी में नौकरी दी है । " - रीमा ने कर्मवीर से कहा ।
" अब मेरी कोई नौकरी नही छूटेगी ।"--कहते हुए कर्मवीर रीमा को अपनी छाती से लगा लिया ।
फ्लाईंग किस का रिवर्स एक्सन हो चुका था ।
कान्ता राॅय
भोपाल
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