चंद अक्षर जो ममता और अनुराग से भरे होते थे अचानक से उन अक्षरों में तल्खी नजर आने लगी थी ।
शायद यह नजरों का धोखा ही हो लेकिन एक अनकहा डिस्टेन्स रिलेशनशिप तो उनके बीच बन ही चुका था । अनजाने होकर भी कोई तो कहलाने लगे थे वो ।
लाॅग आॅफ करके सोने तो गई बिस्तर पर लेकिन आँखों में नींद की जगह आँसुओं के सैलाब ने ले लिया था ।
पूरी रात आँखों में काटने के बाद सुबह जैसे ही आॅनलाईन आई कि एक मैसेज देख कर दिल में खुशी की लहर दौड़ गई ।
रिश्ते तो रिश्ते ही होते है चाहे वो क्लोज़ रिलेशनशिप हो या डिस्टेन्स रिलेशनशिप ।
कान्ता राॅय
भोपाल
कोई टिप्पणी नहीं :
एक टिप्पणी भेजें