सोमवार, 24 अगस्त 2015

मेरी उससे यह पहली मुलाकात थी

आज छत पर बहुत दिनों बाद आई थी ऐसा लगा जैसे पहली बार मै मुस्काई थी सूरज कुछ कह रहा था मुझसे मैने सूरज को पहली बार कहते सुना पिछले बार कब देखा था उसको कुछ याद नहीं आता सुना है सुबह शाम मेरी खिड़की से झाँका करता है वो क्यों ऐसा लगा , मेरी उससे यह पहली मुलाकात थी आज से पहले मेरी उससे कब हुई बात थी कानों में कहते कहते गालों को वो छू गया उसकी इस हरकत से जाने क्युं परेशान थी वो तो आया था सबसे मिलने क्युं मुझसे ही उसकी सरोकार थी मेरी उससे आज यह पहली मुलाकात थी


कान्ता राॅय भोपाल

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