आज पति का मन कृष्ण से गौरांग हो गया था । वो द्रोपदी का सखा स्वरूप हो गया था ।
हाथ लेकर हाथों में अपने सखा से कहा , " सब गाँठ खोल दो । मन के सारे राज बोल दो । " पत्नी चकित थी और बहुत खुश थी । आज उसे अपने पर गुमान हो आया था । दोस्त को जो राजदार बनाया था ।
हठात् पति फिर से कृष्ण मन का हो गया । कृष्ण रंग पोत कर पत्नी के मुँह पर सखा से पति हो गया ।
कालिख पत्नी के चेहरे का होली के रंग में छुप गया ।
कान्ता राॅय
भोपाल
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