सीमा पार फिर से युद्ध विराम तोड़ दिया गया था ।
भैया ने मिग -२१ की उड़ान से पहले फोन पर वादा किया था कि तेरी डोली को कंधा देने तेरा भैया जरूर आयेगा ।
बिट्टो डोली में चढनें से पहले दौड़ कर शेरावाली को मिन्नतें करने लगी ।
" हे मातारानी , तुझे हाथ जोड़ विनती करती हूँ । मेरे भैया को सदा सलामत रखना । "-- शादी के जोड़े में बिट्टो भैया की राह तकते हुए मातारानी से दुआएं कर रही थी कि अचानक ढोल और शहनाई की आवाज बंद हो गई । बिट्टो दौड़ कर दरवाजे की ओर भागी और स्तब्ध रह गई ।
भैया तिरंगे में लिपटे हुए चार कंधो पर सवार हो बिट्टो की डोली को कंधा देने आ गये थे ।
कान्ता राॅय
भोपाल
मार्मिक एवं यथार्थ वर्णन।
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