गुरुवार, 12 नवंबर 2015

सिगरेट /लघुकथा


शादी के पहले उसे सिगरेट पीने वालों पर गुस्सा आता था । काॅलेज जाते वक्त पब्लिक बस में भी बगल में कोई बंदा सिगरेट पीता मिल जाता तो उसे वहां से उठा कर ही दम लेती थी ।
बरसों बीते, पति के सिगरेट पीने की आदत उसके लाख जतन पर भी न छूट पायी और जाने कब कैसे उसे भी धुँए की आदी बना गई । 
सदा अपने लिए एकांत तलाशने वाली को आज सास ने सिगरेट पीते पकड़ लिया है । घर में कोहराम जारी है ।

कान्ता राॅय
भोपाल

कोई टिप्पणी नहीं :

एक टिप्पणी भेजें